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कौन सा फूड प्रोसेसिंग उद्योग मेरे लिए अच्छा रहेगा?

Thursday, December 6, 2018

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कौन सा फूड प्रोसेसिंग उद्योग मेरे लिए अच्छा रहेगा? इस पुस्तक की मदद से जानिये की किस फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में उद्यम करना रहेगा सबसे बेहतर.Agro Based Food Processing Business Ideas. स्टार्टअप के लिए सबसे अधिक लाभदायक फूड प्रोसेसिंग परियोजनाएं

फूड प्रोसेसिंग खाद्य सामग्री और पेय पदार्थों को कई रूपों में सहेजने की एक बेहतर प्रक्रिया है।फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री काफी बड़ा क्षेत्र है। इसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थों को प्रोसेस करके रखा जाता है। फूड प्रोसेसिंग एक तरह की टेक्नोलॉजीहै।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मतलब खाने की वस्तुओं की प्रोसेसिंग कर उसे नए रूप में पेश करने के कारोबार से है। भारत में लोगों की तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल ने खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों की मांग में लगातार बढ़ोतरी की है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रत्यक्ष तौर पर कृषि के साथ जुड़ा है, जिसमें कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत भाग को रोज़गार मिला हुआ है।

वर्तमान के भागदौड़ वाले जीवन में वक्त के अभाव एवं भोजन की बदलती आदतों के कारण डिब्बाबंद प्रसंस्कृत भोजन एवं पेय पदार्थों का प्रचलन हमारे देश में दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में भोजन की समग्र अवधारणा ही पूर्णतः बदल गई है।

खाद्य प्रसंस्करण, यानी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में शहरी और ग्रामीण स्तर पर युवाओं के लिये अनेक अवसर बन रहे हैं। इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों को स्वास्थ्यपरक तरीके से नया रूप देकर संरक्षित किया जाता है।

भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में प्रसंस्कृत खाद्य के उत्पादन और निर्यात की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। खाद्य बाजार लगभग 10.1 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का हिस्सा 53% अर्थात 5.3 लाख करोड़ रुपये का है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से 130 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 350 लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलता है। भारत का खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मुख्यतः असंगठित है और असंगठित क्षेत्र में इसका हिस्सा 42%, लघु उद्योग क्षेत्र में 33% और संगठित क्षेत्र में 25% है।

भारत में खाद्य प्रसंस्करण कम्पनियों के लिए प्रचुर संभावनाएँ हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण भारत के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होना है, जिसके फलस्वरूप वे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों पर खर्च करने की स्थिति में हैं।

खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र उत्पादन, विकास, खपत और निर्यात के मामले में भारत के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है और इस क्षेत्र को भारत सरकार द्वारा प्राथमिक दर्जा प्राप्त है। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग देश के कुल खाद्य बाजार का 32%, भारत के निर्यात का 13% और कुल औद्योगिक निवेश का 6% हिस्सा रखता है। भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फल और सब्जियां, मसाले, मांस और पोल्ट्री, दूध और दुग्ध उत्पाद, मादक और गैर मादक पेय पदार्थ, मत्स्य पालन, अनाज प्रसंस्करण और मिष्ठान्न भंडार, चॉकलेट तथा कोकोआ उत्पाद, सोया आधारित उत्पाद, मिनरल वाटर और उच्च प्रोटीन युक्त आहार जैसे अन्य उपभोक्ता उत्पाद समूहों को शामिल किया गया है।

भारत से प्रसंस्कृत खाद्य का निर्यात

एचएस कोड

2013-14

2014-15

2015-16

2016-17

2

4475.7

4929.3

4210.0

4037.6

3

4823.2

5249.5

4486.3

5501.1

4

705.1

379.0

328.5

292.9

7

1356.1

1180.8

1261.4

1294.7

8

1623.4

1610.7

1584.7

1731.2

9

2746.7

2871.9

2954.9

3185.2

10

10563.3

9551.0

6272.0

6013.0

11

299.1

305.6

299.5

218.0

12

1709.5

2213.9

1673.5

1809.0

13

2414.9

1947.5

869.0

844.4

15

857.4

973.3

877.3

892.6

16

119.7

155.4

212.0

317.3

17

1355.0

1075.2

1763.6

1508.5

18

94.0

138.9

193.3

162.2

19

463.3

489.8

506.2

519.1

20

449.7

504.7

488.3

493.8

21

540.1

587.5

568.8

628.2

22

409.0

377.8

320.5

312.0

23

3047.8

1630.1

802.7

1110.8

कुल

38052.9

36172.0

29672.4

30871.5

स्रोत: डीजीसीआईएस

 

भारत की खाद्यान्न की खपत वर्तमान में 370 बिलियन अमरीकी डॉलर है और 2025 तक 10 खरब अमरीकी डालर तक पहुंचने की उम्मीद है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का विकास आवश्यक है क्योंकि इससे मध्यम वर्ग के डिस्पोजेबल आय में वृद्धि के कारण भोजन की आदतों में परिवर्तन और तेजी से शहरीकरण, संसाधित और पैक किए गए भोजन की दिशा में बदलते भोजन संबंधी प्राथमिकताएं और इसके अलावा उच्च स्तर के प्रसंस्करण वाले सुप्रसिद्ध खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपव्यय को कम करने, मूल्य वृद्धि में सुधार, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने, किसानों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने, रोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ निर्यात आय में भी वृद्धि होती है। यह क्षेत्र खाद्य सुरक्षा, खाद्य मुद्रास्फीति के गंभीर मुद्दों को हल करने और जनता को पौष्टिक भोजन प्रदान करने में सक्षम है।

भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग उत्पादन, खपत, निर्यात और‍ विकास संभावना की दृष्टि से विश्व में सबसे बड़ा उद्योग है। पहले खाद्य प्रसंस्करण मोटे तौर पर खाद्य संरक्षण, पैकेजिंग और परिवहन तक ही सीमित था जिसमें मुख्य रूप से नमकीन बनाना, दही जमाना, सूखाना, अचार बनाना आदि शामिल था। तथापि, वर्षों से नए बाजारों और प्रौद्योगिकियों के आने से क्षेत्रक ने अपने क्षेत्र का विस्तार किया है। इसने नए मदों का उत्पादन करना आरंभ कर दिया है जैसे खाने के लिए तैयार खाद्य, पेय, प्रसंस्करण और फ्रोजेन फल और सब्जी उत्पाद, समुद्री उत्पाद और मांस उत्पाद आदि है।

बदलते समय के साथ ही दुनिया भर में लोगों की खानपान संबंधी आदतों में भी बदलाव आ रहा है जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण है लाइफ स्टाइल में हो रहा परिवर्तन। शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन में खासतौर पर ऐसे बदलाव स्पष्ट तौर पर दिखाई पड़ते हैं। इसी बदलाव का नतीजा है कि वैश्विक स्तर पर प्रोसेस्ड फ़ूड इंडस्ट्री का कारोबार दिन दोगुनी और रात चौगुनी गति से बढ़ रहा है।

 

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज़ (खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि आधारित उद्योग परियोजनाएं) in Hindi Language, Food Processing and Agriculture Based Industries (Project Profiles)

About the Book

Author:                Ajay Kr. Gupta

Format:               Paperback

ISBN:                   9789381039946

Code:                    NI318

Pages:                  472

Price:                  Rs. 1,295/- 

US$:                    125-

Published:           2019

Publisher:             NIIR PROJECT CONSULTANCY SERVICES

 

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का मतलब खाने की वस्तुओं की प्रोसेसिंग कर उसे नए रूप में पेश करने के कारोबार से है। भारत में लोगों की तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल ने खाद्य प्रसंस्कृत उत्पादों की मांग में लगातार बढ़ोतरी की है । ऐसे में कारोबारी इस क्षेत्र में कम निवेश और बेहतर कारोबारी सहायता के जरिए एक नया मुकाम बना सकते हैं, जिसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय कई सारी योजनाएं चला रहा है। इसके तहत नई इकाई लगाने, मौजूदा इकाई का आधुनिकीकरण करने, तकनीकी सहायता आदि के लिए सहायता मिल रही है। भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में प्रसंस्कृत खाद्य के उत्पादन और निर्यात की पर्याप्त संभावनाएँ हैं। खाद्य बाजार लगभग 10.1 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का हिस्सा 53% अर्थात 5.3 लाख करोड़ रुपये का है।

नौकरी के लिए सुबह-शाम की भागमभाग, ट्रैफिक और तमाम तरह की अन्य आपाधापी से भरी दिनचर्या के बीच किसे फुर्सत है कि खाना तसल्ली से रोजाना बनाया और खाया जाये। इसका समाधान इंस्टेंट एवं प्रोसेस्ड अथवा रेडी टू ईट पैक्ड फ़ूड के रूप में देश-विदेश में देखा जा सकता है। पहले खानपान की ऐसी आदतें सिर्फ पश्चिमी देशों तक ही सीमित थीं पर आज भारत जैसे विकासशील देशों में भी बड़े पैमाने पर यह प्रचलन आम होता जा रहा है।

इसी बदलाव का नतीजा है कि वैश्विक स्तर पर प्रोसेस्ड फ़ूड इंडस्ट्री का कारोबार निरंतर गति से बढ़ रहा है। भारत में खाद्य प्रसंस्करण कम्पनियों के लिए प्रचुर संभावनाएँ हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विभिन्न उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसका कारण भारत के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि होना है, जिसके फलस्वरूप वे उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों पर खर्च करने की स्थिति में हैं।

भारतीय खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग उत्पादन, खपत, निर्यात और‍ विकास संभावना की दृष्टि से विश्व में सबसे बड़ा उद्योग है। उपभोक्ता की बढ़ती सम्पन्नता ने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विविधिकरण के लिए नए अवसर खोल दिए हैं और विकास के नए मार्ग खोल दिए हैं। प्रसंस्कृत और सुविधाजनक खाद्य की मांग शहरीकरण, जीवन शैली में बदलाव और लोगों की भोजन की आदत में परिवर्ततन के कारण स्थायी रूप से बढ़ रही है। तदनुसार भारतीय उपभोक्ता को नए उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद परोसे जा रहे हैं जिसका निर्माण अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया गया है।

इस पुस्तक में विभिन्न उद्योगों की जानकारी तथा Cost Estimation (Capacity, Working Capital, Rate of Return, Break Even Point, Cost of Project)को शामिल किया गया है, जैसे: बेकरी उद्योग, रेडी-टू- ईट फूड, बेवरेजेज, खाद्यान्नों की पिसाई यूनिट, खाद्य तेल से संबंधित उद्योग, फल और सब्जी की पैकेजिंग उद्योग, डेयरी, बीयर एवं एल्कोहोलिक पेय पदार्थ, दुग्ध एवं दुग्ध-निर्मित उत्पाद, अनाज प्रसंस्करण, उपभोक्ता खाद्य वस्तुएँ ; अर्थात् कन्फेक्शनरी, चॉकलेट और कोको उत्पाद, सोया-निर्मित उत्पाद, पानी बोतल प्लांट, उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थ, सॉफ्ट ड्रिंक, खाने और पकाने के लिए तैयार उत्पाद, नमकीन, स्नैक्स, चिप्स, बिस्कुट, नूडल्स और इंस्टेंट नूडल्स, एडिबल नट्स प्रसंस्करण और पैकेजिंग, ज़र्दा, पान मसाला उद्योग, डायबिटिक फूड और मसाला उद्योग आदि । Sample Plant Layout and Photographs of Plant and Machinery with Suppliers Contact Detailsभी दिए गए है ।

कौन सा उद्योग मेरे लिए अच्छा रहेगा?

यह सवाल हर उद्यमी के ज़हन में रहता है, कितनी लागत लगेगी? क्या मुनाफा होगा? कितना माल बनेगा? इस पुस्तक में 178 फ़ूड प्रोजेक्ट्स का विवरण दिया गया है। जो उद्योग चुनने में काफी मददगार होगा । अपना स्वयं का उद्योग स्थापित करें और राष्ट्र की उन्नति में भागीदार बने ।

इस पुस्तक की मदद से उद्यमी को फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में सही उद्योग के चयन में सहायता मिलेगी ।

यह पुस्तक उद्यमियों, एंटरप्रेन्योर, कृषिविदों, कृषि विश्वविद्यालयों, खाद्य तकनीशियनों और खाद्य उत्पादों के निर्माण के क्षेत्र में रुचि रखने वाले अन्य लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी ।

 

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Niir Project Consultancy Services

An ISO 9001:2015 Company

106-E, Kamla Nagar, Opp. Spark Mall,

New Delhi-110007, India.

Email: [email protected]  , [email protected]

Tel: +91-11-23843955, 23845654, 23845886, 8800733955

Mobile: +91-9811043595

Website: www.entrepreneurindia.co  , www.niir.org

 

 

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